Strong Comeback ! Reliance Infrastructure, Reliance Power stocks rise 60 % in september 

अनिल अंबानी समूह के लिए सितंबर का महीना शानदार रहा,  क्योंकि Reliance Infrastructure – Reliance Power के शेयरों में सितंबर के महीने में जबरदस्त उछाल आया । इस महीने कंपनी के शेयरों में 60% की बढ़त दर्ज की गई । बता दें कि कंपनियों के शेयरों में तेजी के पीछे वजह अच्छी खबरों का आना है । यही वजह है की इस उछाल ने निवेशकों का भरोसा फिर से कायम किया और पिछले खराब प्रदर्शन को पलट दिया।

Reliance Infrastructure hits highest level since december 2018

Reliance Infrastructure के शेयर्स सितंबर महीने में 60% बढ़कर 336.20 रुपए प्रति शेयर पर बंद हुए । खास बात यह है कि यह दिसंबर 2018 के बाद उनका उच्चतम स्तर है । पिछले हफ्ते कंपनी ने दामोदर वैली कारपोरेशन के खिलाफ मध्यस्थता विवाद में 780 करोड़ रुपए की जीत की घोषणा की थी ।

कंपनी अपने कर्ज को काफी कम करते हुए उच्च विकास वाले क्षेत्रों में सक्रिय रूप से विस्तार कर रही है, जो 3, 831 करोड़ रुपए से घटकर 475 करोड़ रुपए हो गया है । हाल ही में इसने 235 करोड़ रुपए के गैर परिवर्तनीय डिबेंचर के संबंध में एडलवॉइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ सभी दायित्व का निपटान किया।

इसने भारतीय जीवन निगम LIC और ICICI बैंक सहित प्रमुख रन ऋणदाताओं को बकाया राशि का भी भुगतान किया है । इसके अलावा कंपनी की एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक अदानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड और अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड के साथ आपसी समझौता हुआ, जिससे विवादों का समाधान हो गया है । वही 17 सितंबर 2024 तक मध्यस्थता दावों को वापस ले लिया गया।

Reliance Infrastructure मुख्य रूप से दिल्ली में बिजली वितरण और आईपीसी सेवा प्रदान करने के व्यवसाय में लगी हुई है । यह रक्षा क्षेत्र में कुछ परियोजनाओं का संचालन भी करती है और अपने विशेष प्रयोजन वाहनों के माध्यम से कुछ मेट्रो सेवाओं, टोल सड़कों और हवाई अड्डों के बुनियादी ढांचे के पहलुओं को बनाए रखती है । कंपनी शेयर और परिवर्तनीय वारंटो की बिक्री के माध्यम से 6,014 करोड रुपए जुटाने तक की योजना बना रही है।

Reliance Power : Deby – Free status Boosts investor confidence 

Reliance Infrastructure की सहायक कंपनी रिलायंस पावर के शेयरों की अगर हम बात करें तो इसमें भी जबरदस्त उछाल आया है । सितंबर महीने में यह 60% की बढ़त के साथ 48.6 रुपए प्रति शेयर पर पहुंच गया है । बता दें कि यह कंपनी का जनवरी 2018 के बाद उच्चतम स्तर है । सितंबर के मिड में कंपनी द्वारा बैंक और वित्तीय संस्थानों से कर्ज मुक्त होने की घोषणा के बाद तेजी आई हैं ।

वहीं विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड वीपीएल के लिए गारंटर के रूप में कंपनी द्वारा सभी दायित्वों के निपटान के बाद यह उपलब्धि हासिल की गई । जिसका परिणाम यह हुआ कि रिलायंस पावर को अपनी कॉर्पोरेट गारंटी और वीपीएल के बकाया कर्ज पर संबंधित उपक्रमों और दावों से मुक्त कर दिया गया जो कुल 3872.04 करोड़ था ।

कंपनी का बोर्ड 3 अक्टूबर 2024 को घरेलू और वैश्विक दोनों बाजारों में फंड जुटाना पर विचार करने के लिए बैठक करने वाला है । कोयला बिजली बनाने वाली कंपनी ने पहले कहा था कि उसे अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार करने के लिए पूंजी की आवश्यकता है।

इसी बीच, अगस्त में, सेबी ने फंड डायवर्सन के आरोपों के कारण रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी को प्रतिभूति बाजार से 5 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया और लगभग 3 मिलियन डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया

 

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