Bhai dooj Shubh Muhurat : 3 नवंबर को भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा । भाई दूज के मौके पर बहन अपने भाई को माथे पर तिलक करती है और हाथ में कलावा बाधंती है । साथ ही भाई की लंबी उम्र के लिए सुख समृद्धि की कामना भी करती है । मान्यता ऐसी है कि भाई दूज के मौके पर जो भाई अपनी बहन से तिलक करवाता है आकाल मृत्यु नहीं होती ।
Bhai dooj Shubh Muhurat
भाई दूज पर भाई का तिलक करने का इस साल शुभ मुहूर्त दोपहर 1:10 से शुरू होगा और यह दोपहर 3:22 पर समाप्त होगा । यह शुभ मुहूर्त 2 घंटे 12 मिनट का रहेगा ।
Bhai dooj Pooja vidhi
कहते हैं भाई दूज के दिन भाई को सबसे पहले प्रात काल चंद्रमा के दर्शन करने चाहिए । जिसके बाद शुद्ध जल से स्नान करना चाहिए । वही बहनों को पहले आरती की थाल सजानी चाहिए । थाल में सिंदूर, चंदन, फल, फूल, मिठाई और सुपारी आदि सामग्री होनी चाहिए । तिलक करने से पहले चावल के मिक्सर से एक चौक बनाएं, उसके बाद चौक पर भाई को बैठाकर शुभ मुहूर्त मे बहन उसका तिलक करें । तिलक करने के बाद बहन अपने भाई को सुपारी, पाक, पताशे, फूल और काले चने देकर आरती उतारे । तिलक और आरती होने के बाद भाई अपनी बहन उपहार दे और सदैव उसकी रक्षा का वचन दे ।
Bhai dooj Katha
पौराणिक मान्यता के अनुसार, यमुना ने भाई दूज के दिन ही अपने भाई यमराज की लंबी आयु के लिए व्रत किया था और उन्हें अन्न खूट का भोजन खिलाया था । कथा के अनुसार यम देवता ने इसी दिन अपनी बहन को दर्शन दिए थे । यमुना अपने भाई से मिलने के लिए अत्यधिक व्याकुल थी । अपने भाई के दर्शन कर यमुना बेहद प्रसन्न हुई ।
यमुना ने प्रसन्न होकर अपने भाई की बहुत आवाभगत की । यम ने प्रसन्न होकर बहन यमुना को वरदान दिया कि इस दिन भाई बहन दोनों एक साथ ही अपना नदी में स्नान करेंगे तो उन्हें मुक्ति प्राप्त होगी । इसी कारण से इस दिन यमुना नदी में भाई बहन के साथ स्नान करने का बड़ा महत्व माना गया है । इतना ही नहीं यमुना ने अपने भाई से वचन लिया कि आज के दिन हर भाई को अपनी बहन के घर जाना चाहिए तभी से भाई दूज बनाने की प्रथा चली आ रही है ।