New Criminal Law in hindi :
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New Criminal Law in hindi : देश में आज किन कानूनों में हुआ बदलाव, अब नाबालिग से दुष्कर्म में मिलेगी ये सजा

New Criminal Law in hindi : भारत में आज यानी 1 जुलाई से तीन नए क्रिमिनल कानून ( New Criminal law in hindi ) लागू हो गए हैं । जी हां देश में आज से भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के बदले भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा सहायता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू किया गया है । जिससे कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं । वहीं इन बदलाव को हम इस लेख में 10 मुख्य पॉइंट्स में जानेंगे।

ये हुए बदलाव

अब आपराधिक मामले का फैसला सुनवाई समाप्त होने के 45 दिनों के भीतर सुनाया जाना अनिवार्य होगा। बता दें की पहली सुनवाई के 60 दिनों के अंदर आरोप तय करने का प्रावधान है । इसके अलावा सभी राज्य सरकारों को गवाहों की सुरक्षा और सहयोग सुरक्षित करने के लिए गवाह सुरक्षा योजनाओं को लागू करना चाहिए।

नए कानून में हुए बदलावों में अब उन मामलों के लिए भी दंड का प्रावधान है जहां शादी के झूठे वादे करके महिलाओं को छोड़ दिया जाता है।

नए कानून में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को लेकर कड़े नियम बनाए गए हैं । इसमें बच्चों को खरीदना है बेचना जगन्य अपराध माना जाता है । जिसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान होगा ।

नाबालिक के साथ सामूहिक बलात्कार के लिए मृत्यु डंड

या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

बलात्कार पीड़ितों के बयान पीड़िता के अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में एक महिला पुलिस अधिकारी द्वारा दर्ज किए जाएंगे ।वहीं मेडिकल रिपोर्ट 7 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए।

आरोपी और पीड़ित दोनों को 14 दिनों के भीतर FIR, चार्जशीट, पुलिस रिपोर्ट, बयान कबूलनामा और अन्य दस्तावेजों की प्रतियां प्राप्त करने का अधिकार है।

नए कानून में इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ अपराध होने पर पीड़ित को 90 दिनों के अंदर नियमित अपडेट हासिल करने और पीड़ितों को मुफ्त प्राथमिक उपचार या चिकित्सा उपचार प्रदान कराना जरूरी है।

इसके अलावा अब अपराधिक घटनाओं की रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक संचार के माध्यम से किया जा सकती है । जिससे पुलिस स्टेशन जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी वहीं जीरो एफआईआर की शुरुआत से व्यक्ति किसी भी पुलिस स्टेशन में चाहे उसका अधिकार क्षेत्र कुछ भी हो प्राथमिकी दर्ज कर सकता है।

अब गंभीर अपराधों के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों का घटनास्थल पर जाना और साक्ष्य एकत्र करना अनिवार्य है।

गिरफ्तार व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में अपनी पसंद के व्यक्ति को सूचित करने का अधिकार है ताकि उसे तुरंत सहायता मिल सके ।

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