Ratha Yatra : कल से शुरु हो रही भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा, पढ़े कुछ रोचक तथ्य
Ratha Yatra : भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा Ratha Yatra कल यानी 7 जुलाई से शुरू हो रही है । विश्व भर में प्रसिद्ध इस यात्रा में शामिल होने के लिए लाखों की संख्या में लोग जुटते हैं और भगवान जगन्नाथ की इस पूरी यात्रा को देखने का अनुभव प्राप्त करते हैं।
इस यात्रा में भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर विराजमान होकर अपनी मौसी के घर यानी पुरी के गुंडीचा मदिंर तक जाते हैं। इस बार यह यात्रा 7 जुलाई से आषाढ शुक्ल द्वितीया से शुरू होकर 15 जुलाई दशमी तक चलेगी। बता दें, कि भगवान जगन्नाथ कि रथ यात्रा को लेकर ऐसे तो कई रोचक तथ्य सामने आते हैं वही आज हम आपको कुछ इन्हीं तथ्यों के बारे में बताने वाले हैं।
पहले तथ्य ये है कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू होने से पहले राजाओं के वंशज पारंपरिक रूप से सोने की हत्थे वाली झाड़ू से जगन्नाथ जी की रथ के सामने झाड़ू लगाते हैं । इसके बाद ही मंत्रों के साथ इस पवित्र रथ यात्रा की शुरुआत होती है बता दे यह रीत तब से चली आ रही है जब से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू हुई है।
दुसरा तथ्य भगवान जगन्नाथ के उसे रथ से जुड़ा है जिस पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी की घर गुंडीचा मंदिर जाते हैं । बता दें कि भगवान जगन्नाथ के रथ को बनाने के लिए नीम के पेड़ की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है । यह बसंत पंचमी से बनाना शुरू कर दिया जाता है । सबसे खास बात यह है कि इसको बनाने के लिए किसी भी प्रकार की धातु का प्रयोग नहीं होता । इतना ही नहीं लकड़ी को चुनने के लिए स्वस्थ और शुभ पेड़ों की पहचान की जाती है और लकड़ी चुनकर इसे तैयार किया जाता है।
जगन्नाथ जी के इस रथ में 16 पहिए होते हैं ।इसे बनाने के लिए 332 लकड़ी के टुकड़ों का प्रयोग किया जाता है । रथ की ऊंचाई लगभग 45 फिट होती है । रंग की बात करें तो इसका रंग लाल और पीला होता है । भगवान जगन्नाथ जी के रथ का आकार बाकी दो रथों यानि भगवान बलराम और बहन सुभद्रा के रथ से बड़ा होता है।
वहीं तीनों रथों का नेतृत्व भगवान बलराम जी करते हैं । जी हां भगवान जगन्नाथ जी के बड़े भाई होने के नाते बलराम जी तीनों रथों का नेतृत्व करते हैं । इसलिए उनका रथ सबसे आगे रहता है । इस रथ की ऊंचाई लगभग 44 फुट होती है।बहन सुभद्रा का रथ बड़े भाई बलराम के पीछे और भाई जगन्नाथ के आगे होता है यानी की लाडली बहन सुभद्रा का रथ दोनों भाइयों की सुरक्षा घेरे में रहता है । सुभद्राका रथ की ऊंचाई 43 फिट होती है और इसको सजाने के लिए मुख्य रू से काले रंग का प्रयोग किया जाता है।
एक रोचक तथ्य यह भी है कि भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा के दिन बारिश जरुर होती है । जी हां आज तक कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा के दिन बारिश ना हुई हो।
गवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा दुनिया भर में एक मात्र ऐसी यात्रा है जहां भगवान खुद अपने भक्तों से मिलने के लिए निकलते हैं । इनकी रथ यात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल होते हैं मान्यता कुछ ऐसी है कि भगवान जगन्नाथ गर्भ ग्रह से बाहर प्रजा का हाल जानने के लिए निकलते हैं ।