देवी पार्वती ने महादेव को पाने के लिए रखा था Hartalika Teej का व्रत ….बेहद प्राचीन है कथा

Hartalika Teej : हिंदू धर्म में हरतालिका तीज ( Hartalika Teej Vrat ) को एक प्रमुख त्योहार माना जाता है । विशेषतौर पर इस त्यौहार को उत्तर भारत में महिलाएं बहुत श्रद्धा और आस्था के साथ मनाती है । हरतालिका तीज का व्रत महादेव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक है और इस दिन सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती है । जबकि अविवाहित लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती हैं।

क्यों रखा जाता है व्रत 

हरतालिका तीज का व्रत करवा चौथ की व्रत की तरह ही होता है । इस दिन भी महिलाएं बिना कुछ खाए पिए यह व्रत करती है और पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं । कहते हैं की माता पार्वती ने भी भगवान शिव के लिए ही ये व्रत किया था और बिना जल ग्रहण किए उपवास रखते हुए भोलेनाथ की पूजा की थी । यह व्रत महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती के प्रेम और समर्पण के पति के रूप में करती है । माना यह भी जाता है कि जो महिलाएं इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ करती हैं उनके वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है । इसके अलावा जब कुंवारी कन्याएं यह व्रत रखती हैं तो उन्हें अच्छे वर की प्राप्ति होती है।

व्रत को क्यों कहा गया हरतालिका तीज 

इस व्रत को लेकर एक पौराणिक कथा भी सामने आती है । बताते हैं की देवी पार्वती का उनकी सखियों ने उनके पिता के घर से अपहरण कर लिया था ताकि वह भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या कर सके और इसलिए इस व्रत को हरतालिका तीज कहा गया । दरअसल हरतालिका तीज ये नाम दो शब्दों से मिलकर बना है , वो है हर और तालिका जहां पर हर का अर्थ है हरना यानी अपहरण और तालिका का अर्थ है सखी सहेलियां । तो जैसे कि हमने कहा कि माता पार्वती की सखियों ने उनके घर से उनका अपहरण कर लिया था इसलिए इस व्रत को हरतालिका तीज का नाम दिया गया।

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