उत्तराखंड में उद्यमिता विकास बनेगा पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा, शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने दिए निर्देश
उत्तराखंड में युवाओं को रोजगार परक शिक्षा देने की बात अक्सर कही जाती रही है. कोशिश रही है कि युवाओं को उच्च शिक्षा लेने के दौरान उन पाठ्यक्रमों से रूबरू कराया जाए जो भविष्य में उनके काम आ सकें. इसी दिशा में उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी करते हुए उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए कहा है.
उच्च शिक्षा परिषद की 12वीं बैठक में युवाओं को रोजगार परक शिक्षा देने और शोध से जोड़ने के प्रयासों पर बातचीत की गई. इस दौरान युवाओं को ऐसी शिक्षा देने पर जोर दिया गया जो भविष्य में भी उन्हें रोजगार के लिए सहायक हो. इन्हीं बातों पर ध्यान केंद्रित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने अधिकारियों को उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान युवाओं को शोध से जोड़ने पर भी विशेष फोकस किया गया. बैठक के दौरान यह स्पष्ट निर्देश दिए गए कि विश्वविद्यालय, उद्यमिता विकास को पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाएंगे और उद्यमिता में मौजूदा डिमांड को समझते हुए पाठ्यक्रम को तैयार करेंगे.
खास बात यह है कि उच्च शिक्षा से जुड़े अधिकारियों को उद्योगों के साथ भी समन्वय बनाने और मैन पावर की जरूरत पर बातचीत के लिए समय-समय पर बैठक भी की जाएगी. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कौशल विकास से जुड़े पाठ्यक्रमों को भी क्रेडिट फ्रेमवर्क से जोड़ा जाएगा. उच्च शिक्षा विभाग यह पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि राज्य में सभी शिक्षण संस्थानों में ई बुक की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अलावा 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना को लेकर हर महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में सेमिनार भी आयोजित किए जाएंगे.