Uttarakhand

राज्यपाल ने सदन के पटल पर रखीं धामी सरकार की उपलब्धियां

उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस के हंगामेदार बहिष्कार के बीच राज्यपाल ने अभिभाषण में धामी सरकार की उपलब्धियां सदन के पटल पर रखीं। सत्र की अल्प अवधि व अंकिता भंडारी हत्याकांड की गूंज के बीच कांग्रेस विधायकों ने अभिभाषण का वाक आउट किया।

सत्र की शुरुआत में विपक्षी विधायकों ने “राज्यपाल वापस जाओ, अंकिता को न्याय दो” आदि नारे भी लगाए। विपक्ष ने भारी शोरशराबे के बीच सदन से बहिर्गमन किया।

बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ विपक्षी दल कांग्रेस के हंगामे से हुई। कांग्रेस ने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की।

मंगलवार की सुबह राज्यपाल लेफ़्टिनेंट जनरल(सेवानिवृत) गुरमीत सिंह ने अभिभाषण पढ़ना शुरु किया। कांग्रेस के सदस्यों ने सत्र की अवधि बढ़ाए जाने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार सत्र को मात्र तीन दिन ही चलाना चाहती है जो विधायकों के साथ जनता के लिए भी अहितकर होगा। विपक्ष राज्यपाल के अभिभाषण व सामान्य बजट पर सदन में चर्चा करना चाहता है। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है।

राज्यपाल के अभिभाषण के प्रमुख बिदु

देवभूमि उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य के रूप में विकसित करने में दिए जा रहे सहयोग के लिए मैं आप सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ। इस रजत जयन्ती वर्ष में मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि हम आगामी वर्ष में विकास की नई ऊँचाईयों को प्राप्त करेंगे तथा प्रत्येक क्षेत्र में नये आयाम स्थापित कर सकेंगे।

हमारा युवा प्रदेश आप सभी के सहयोग से समृद्ध उत्तराखण्ड एवं सशक्त उत्तराखण्ड की ओर तेजी से अग्रसर है। देवभूमि उत्तराखण्ड ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। इन उपलब्धियों के प्रतिफल स्वरूप हमारा प्रदेश “सशक्त उत्तराखण्ड” के लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है तथा प्रदेश की मातृशक्ति, युवा शक्ति और पूर्व सैनिकों की अहम भागीदारी से हमारा प्रदेश सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी की ओर अग्रसर है।

हमारी सरकार, विरासत में प्राप्त संस्कृति के साथ विकसित और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के निर्माण के लिये कृत संकल्पित होकर कार्य कर रही है। विगत वर्ष आर्थिक समृद्धि, सामाजिक न्याय, महिला कल्याण, अवस्थापना संरचना की दृष्टि से स्वर्णिम काल रहा है।

भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की कड़ी में उत्तराखण्ड राज्य को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमारी सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में कई नये आयाम स्थापित किये गये। जिसमें से कुछ महत्वपूर्ण कदमों एवं उपलब्धियों पर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहूंगा:

. गृह विभाग द्वारा संविधान निर्माताओं के अनुरूप स्वतंत्रता के पश्चात उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करने वाले ‘समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन गया है। जिसमें प्रमुख रूप से मातृशक्ति के अधिकारों को सुरक्षित किया गया है। समान नागरिक संहिता के अन्तर्गत जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लायी गयी है।हमारी सरकार द्वारा तीन नये आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को 01 जुलाई 2024 से राज्य में लागू किया गया।

  • उत्तराखण्ड लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली अधिनियम-2024 दिनांक 20 सितम्बर, 2024 को लागू किया गया। जिसमें व्यवस्था की गयी है कि राज्य में हड़ताल, बन्द, दंगा एवं विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक अथवा निजी सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाने वालों से सम्पत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति ली जायेगी तथा इनमें से किसी की मृत्यु होने पर कानूनी धारायें लगाये जाने के साथ ही आरोपितों को क्षतिपूर्ति भी देनी होगी।
  • “ऑपरेशन स्माइल” अभियान के अन्तर्गत बच्चों / गुमशुदाओं को ट्रैस किया जा रहा है तथा “ऑपरेशन मुक्ति अभियान के तहत भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को मुक्त कराकर बच्चों का विद्यालयों में दाखिला कराया जा रहा है।
  • साइबर क्राइम से सम्बन्धित प्रकरणों में सहायता हेतु जनता के लिए साइबर हेल्प लाइन नम्बर 1930 जारी किया गया है। जन जागरूकता हेतु विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, बैनर होल्डिंग, पम्पलेट्स आदि के माध्यम से साइबर सुरक्षा टिप्स आमजन को साझा किये जा रहे हैं।
  • यातायात प्रबन्धन के क्षेत्र में यात्रियों की सुविधा हेतु Map My India एवं Google Map के साथ हुए समझौते के आधार पर राज्य की Real Time Traffic Advisory की सुविधा Mapple/Google Map के माध्यम से आमजन को प्रदान की जा रही है।
  • कारागार विभाग द्वारा उत्तराखण्ड बन्दी की मृत्यु पर विधिक उत्तराधिकारियों को प्रतिकर / मुआवजा राशि के भुगतान की नीति-2024 लागू की गयी है।

. भारतीय ओलम्पिक संघ द्वारा राष्ट्रीय खेलों के मेजबानी का अवसर उत्तराखण्ड सरकार को प्रदान किया गया। इस हेतु खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा दिनांक 28 जनवरी, 2025 से 14 फरवरी, 2025 तक विभिन्न स्थानों पर 38वें राष्ट्रीय खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। हमारी सरकार की खेल नीतियों का ही प्रभाव रहा कि राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड के युवा खिलाड़ियों द्वारा अभूतपूर्व प्रदर्शन कर प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया गया। उत्तराखण्ड में हो रहे 38वें राष्ट्रीय खेल में उत्तराखण्ड ने 100 से अधिक पदक प्राप्त कर नया रिकॉर्ड बनाया। विगत राष्ट्रीय खेलोंराज्य में खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खेल महाकुम्भ के आयोजन में प्रत्येक वर्ष लगभग दो लाख से अधिक खिलाड़ियों (बालक एवं बालिकाओं) द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। इन प्रतियोगिताओं में दिव्यांग खिलाड़ियों को भी खेल का अवसर प्रदान किया जाता है।

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